गुँजे शहनाईयाँ नाचे सारा जहाँ ।
बहना लगे बडी प्यारी बनके दुल्हनियाँ ।।
चमके है घर अपना जैसी तेरी बिंदियाँ
महके ही ये समा जैसे तेरे बालोंका गजरा ।
सजे आज ये अंगना जैसे हाथोमे तेरे कंगना
शहनाईयोमें सूर मिलाये तेरी नाजूक पायलीयाँ ।।
खिलखिलाता तेरा चेहरा आज लगे बडा प्यारा
लाल जोड़ेमें खुब जचे आज अपनी ये गुडियाँ ।
मेहेंदी लगे हाथोमे कलिरें , सजे इन हाथोमे फुलमाला
रूप तेरा ये देखकर भर आयी दोनो अखियाँ ।।
याद आया बचपन सुहाना
सवनके झुले नदी किनारे आँगन अपना ।
तेरे लिए देखा था जो सपना
आज नजर आए वोह सामने खड़ा ॥
ख़त्म हुयी घडी इंतजारकी
जब आये बारात तेरे दुल्हेकी ।
नाचू मैं भी संग इसकी
शादी है आज मेरी बहनकी ॥
- रुपाली ठोंबरे
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